रोहतक के कारोबारी मुलकराज धमीजा ने अपने किडनी ट्रांसप्लांट के इलाज मे लापरवाही का आरोप लगाते हुए जयपुर गोल्डन अस्पताल पर 1.50 करोड़ रुपये का हर्जाना दिलाने का दावा करते हुए नैशनल कंस्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमिशन में याचिका दायर की है। कमिशन ने धमीजा की इस याचिका पर मामले की जांच एम्स, नई दिल्ली के 3 डॉक्टरों के पैनल को सौंप दी है। इस पैनल को अपनी जांच रिपोर्ट 8 सप्ताह के भीतर सौंपने के लिए कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि मुलकराज ने 26 दिसंबर, 2006 को जयपुर गोल्डन अस्पताल में किडनी डलवाई थी। किडनी ने ठीक से काम नहीं किया और मुलकराज परेशान होते चले गए। मुलकराज का आरोप है कि डॉक्टरों ने किडनी डालने में लापरवाही बरती, जिस कारण वह और अधिक बीमार हो गए। बार-बार शिकायत करने के बाद भी डॉक्टरों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। इस दौरान अस्पताल में उसके करीब 5 लाख रुपये खर्च भी हो गए।
उन्होंने डॉक्टरों की लापरवाही की शिकायत मेडिकल काउंसिल से की थी, जिस पर एमसीआई ने संबंधित डॉक्टरों के लाइसेंस 1 माह के लिए सस्पेंड कर दिए थे। धमीजा ने अब अपनी शिकायत कमिशन से की है। कमिशन में धमीजा के केस की पैरवी कर रहे वकील नीरज दत्त ने बताया कि जयपुर गोल्डन के पास नियमित नेफ्रोलोजिस्ट न होने से किडनी ट्रांसफर का लाइसेंस भी नहीं था, बावजूद उसके ऑपरेशन कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि मुलकराज ने 26 दिसंबर, 2006 को जयपुर गोल्डन अस्पताल में किडनी डलवाई थी। किडनी ने ठीक से काम नहीं किया और मुलकराज परेशान होते चले गए। मुलकराज का आरोप है कि डॉक्टरों ने किडनी डालने में लापरवाही बरती, जिस कारण वह और अधिक बीमार हो गए। बार-बार शिकायत करने के बाद भी डॉक्टरों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। इस दौरान अस्पताल में उसके करीब 5 लाख रुपये खर्च भी हो गए।
उन्होंने डॉक्टरों की लापरवाही की शिकायत मेडिकल काउंसिल से की थी, जिस पर एमसीआई ने संबंधित डॉक्टरों के लाइसेंस 1 माह के लिए सस्पेंड कर दिए थे। धमीजा ने अब अपनी शिकायत कमिशन से की है। कमिशन में धमीजा के केस की पैरवी कर रहे वकील नीरज दत्त ने बताया कि जयपुर गोल्डन के पास नियमित नेफ्रोलोजिस्ट न होने से किडनी ट्रांसफर का लाइसेंस भी नहीं था, बावजूद उसके ऑपरेशन कर दिया गया।
Source:- http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/8066908.cms 24 Apr 2011, 0400 hrs IST
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