13 November, 2010

इनकम टैक्स कमिश्नर के खिलाफ वॉरंट जारी

उत्तरप्रदेश के कानपुर में इनकम टैक्स कमिश्नर के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट की अदालत ने गैरजमानती वॉरंट जारी किए हैं। कमिश्नर इसके बाद से ही अपने घर से फरार है। गौरतलब है कि आरोपी कमिश्नर यूपी के पूर्व मुख्य सचिव अखंड प्रताप सिंह का दामाद है।

इनकम टैक्स कमिश्नर भारतेंदु प्रताप सिंह पर अपने विभाग की दो महिला अधिकारियों को परेशान करने के लिए कुछ सांसदों और विधायकों के लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस के अनुसार सांसदों ने महिला पुलिस अधिकारियों की शिकायतें करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने यहां तक कहा है कि यह लेटरपैड भी उनका नहीं है।

एक विधायक ने दावा किया कि उसने अपने नाम के कुछ लेटरपैड अपने एक सहयोगी को दे दिए थे, जिसे उन्होंने कमिश्नर को देना कबूल किया है। कोर्ट में गवाहों के बयान रेकॉर्ड होने के बाद पिछले साल 4 नवंबर को अदालत ने कमिश्नर की गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया था। यह मामला इतने दिनों तक ठंडे बस्ते में कमिश्नर के प्रभाव के कारण पड़ा गया। कमिश्नर के ससुर अखंड प्रताप सिंह यूपी के मुख्य सचिव रह चुके हैं।

सूत्रों के अनुसार अखंड प्रताप सिंह को धोखाधड़ी और आय से अधिक हजारों करोड़ की संपत्ति अजित करने के आरोप में सीबीआई गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। जब पुलिस से पूछा गया कि इतने दिन बीतने के बाद भी इनकम टैक्स कमिश्नर पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं आई। इस पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वॉरंट जारी होने के बाद ही इनकम टैक्स कमिश्नर फरार है। इसलिए गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

हालांकि सूत्रों का आरोप है कि आरोपी कमिश्नर को मायावती सरकार के एक टॉप ब्यूरोक्रेट का संरक्षण हासिल है। सीबीआई के जांच अधिकारी ने सांसद जफर अली नकवी और धनंजय सिंह के लेटरपैड का दुरुपयोग होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विधायकों सुंदर सिंह और गणेश शंकर पांडेय के लेटरपैड का भी गलत इस्तेमाल हुआ है।

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