17 March, 2011

हमारा कानून पढ़कर हमें ही चपत लगाते थे ये विदेशी

पुलिस ने सेंधमारी में शामिल एक ऐसे विदेशी गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसने दिल्ली के पॉश इलाकों को टारगेट बनाने से पहले भारत के कानूनों की बाकायदा स्टडी की। गैंग के एक मेंबर एडियर जैडिबर (31) को गिरफ्तार किया गया है। उसने पुलिस को बताया है कि भारत आने से पहले उनके गैंग ने इंडियन पीनल कोड की स्टडी की थी। ये लोग इस नतीजे पर पहुंचे थे कि भारत में सेंधमारी के बारे में कानून बहुत कमजोर है। पकड़े जाने पर बच निकलना आसान होगा। साथ ही इन वारदातों से अच्छा-खासा माल भी हाथ लग सकता है।

एडियर के अलावा इस गैंग के बाकी मेंबर एडिसन मौरियलो, कार्लोस अल्फांसो और मोनिका यूलिएट्च हैं। ये सभी लैटिन अमेरिकी देश कोलंबिया से हैं। एडियर कोलंबिया की राजधानी बगोटा का है। चार लोगों के इस गैंग के बाकी तीन लोग फरार हैं।

पुलिस के मुताबिक, इस गैंग ने इंडियन पीनल कोड की स्टडी करने के बाद ग्रुप बनाकर भारत के लिए तीन महीने का टूरिस्ट वीजा लिया। भारत आकर इन्होंने वालमार्ट से ताले तोड़ने के औजार खरीदे और साकेत में सेंधमारी की दो वारदात कीं। गिरफ्तार एडियर से डेढ़ लाख रुपये कैश, 15 लाख की जूलरी और औजार बरामद किए गए हैं।

पहली सेंधमारी की वारदात 13 मार्च को साकेत के 'जे' ब्लॉक में सीनियर सिटिजन हिना दास के घर पर हुई। पुलिस को आसपास के लोगों ने बताया कि विदेशी चेहरे-मोहरे की एक लड़की को उन्होंने वारदात से पहले इलाके में संदिग्ध हालत में घूमते देखा था। इस गैंग ने 15 मार्च को साकेत के 'जी' ब्लॉक में नरेंद्र मोहन शर्मा के घर का ताला तोड़कर चोरी की। यहां भी पुलिस को विदेशी लड़की और उसके साथी देखे जाने की बात पता लगी। डीसीपी (साउथ) हरगोविंद धालीवाल के मुताबिक, इसके बाद साकेत के एसएचओ राजेंद्र सिंह की टीम ने छानबीन शुरू की और उनके हाथ संदिग्ध हालत में घूम रहा एडियर लग गया।
Source:- 17 Mar 2011, 0400 hrs IST

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