09 November, 2010

पति की कम पढ़ाई के चलते तलाक

मास्टर ऑफ कंप्यूटर ऐप्लिकेशन (एमसीए) का कोर्स करने वाली लड़की ने घर वालों द्वारा देखे गए लड़के से शादी तो कर ली, लेकिन उनकी ज्यादा निभ नहीं पाई। लड़का कोई कामधंधा भी नहीं करता था। लड़की को पति की बेरोजगारी और उसकी कम एजुकेशन सालने लगी। इसके चलते पति-पत्नी के बीच मनमुटाव रहने लगा। इस बीच लड़की पति का घर छोड़कर अपने मायके चली गई। लड़की ने पति से तलाक लेने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहीं पति ने उसे वापस लाने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी। मध्यस्थता सेंटर में दोनों पक्ष आपसी रजामंदी से तलाक लेने के लिए तैयार हो गए।
नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में रहने वाली रिचा की 8 मार्च 2008 को रोबिन (दोनों बदले हुए नाम) शादी हुई थी। रिचा ने एमसीए की हुई है, जबकि उनके पति सिर्फ बारहवीं क्लास पास है। इतना ही नहीं रोबिन कोई काम धंधा भी नहीं करते थे। वह अपने भाई के साथ उनके बिजनेस में हाथ बंटाते थे। शादी के तीन महीने बाद भाभी ने उनकी ऑफिस में एंट्री बंद कर दी थी। रिचा ने अपनी एमसीए की डिग्री का फायदा उठाते हुए पति के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई। कंपनी का काम शुरू होते ही रोबिन ने पत्नी के ऑफिस आने पर रोक लगा दी। लिहाजा रिचा ने किसी कंपनी में जॉब कर ली। बावजूद इसके छोटी-छोटी बातों को लेकर पति-पत्नी के बीच झगड़ा रहने लगा।
परेशान होकर रिचा पति का घर छोड़कर अपने मायके चली गई। इसके बाद रिचा ने नंद नगरी स्थित महिला अपराध शाखा में पति के खिलाफ कंप्लेंट कर दी। यही नहीं रिचा ने सितंबर 2010 में कड़कड़डूमा स्थित अडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज पी. के. मट्टू की अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल कर दी। वहीं दूसरी तरफ रोबिन ने पत्नी को वापस ले जाने की एप्लिकेशन दायर कर दी।
अडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज ने पहली ही सुनवाई पर उनका केस मध्यस्थता सेंटर में रेफर कर दिया। जहां मीडिएटर तिलकराज अरोड़ा ने दोनों पक्षों के मन को टटोलने के लिए उनसे अलग-अलग बातें की। लड़की का कहना था कि उनका पति कम बढ़ा लिखा तो है ही साथ ही वह कोई काम धंधा भी नहीं करता था। उसने पति को कामयाब बनाने के लिए अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई, लेकिन पति ने उसके चरित्र पर शक करना शुरू कर दिया। इसके चलते उसे पति का घर छोड़ना पड़ा।
रिचा ने मीडिएटर से कहा कि अब वह फैसला कर चुकी है कि वह इस इंसान के साथ अपना पूरा जीवन नहीं बिता सकती, इसलिए उसे तलाक चाहिए। वहीं दूसरी तरफ रोबिन ने मीडिएटर से कहा कि झगड़े के कुछ दिन बाद वह अपनी गलती मान लेता था, लेकिन उसकी पत्नी हमेशा पुरानी बातों को कुरेदती रहती थी। इतना ही नहीं वह पूरी तरह से अपनी मां, बहन और जीजा के प्रभाव में रहती थी। रोबिन का कहना था कि वह सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में अपनी पत्नी से माफी मांगकर उसे घर ले जाने के लिए तैयार है। उसकी बातें सुनने के बाद न केवल मीडिएटर बल्कि दोनों पक्षों के वकीलों ने लड़की से एक बार फिर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा, लेकिन लड़की अपने फैसले से टस से मस नहीं हुई।
इस तरह से सिर्फ दो तारीखों में मध्यस्थता सेंटर ने पति - पत्नी के बीच तलाक के लिए समझौता करा दिया। समझौते के मुताबिक लड़के को 50 हजार रुपये के साथ - साथ एक महीने के भीतर दहेज का सारा सामान वापस लौटाना हो गा।

Source:- 8 Nov 2010, 0944 hrs IST,नवभारत टाइम्स
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/6883938.cms

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