पत्नी अपने पति के घर में रहने के लिए हिस्सा तो मांग सकती है, लेकिन पति के पैरंट्स के घर में कानूनी तौर पर रहने का उसका अधिकार नहीं बनता। अदालत ने याचिकाकर्ता महिला की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें वह अपनी सास के घर में रहना चाह रही थी।
अडिशनल सेशन जज की अदालत ने कहा कि पति अपनी मां से अलग किसी किराए के मकान में रह रहा है। याचिकाकर्ता महिला ने दलील दी कि सास ने उसकी शादी से पहले ही वह मकान खरीदा था। ऐसे में उस मकान पर भी उसका अधिकार है, लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि महिला का अधिकार उसके पति के घर पर होता है और वह अपने पति के घर या पति द्वारा किराये पर लिए गए घर में रहने के लिए अधिकार जता सकती है या फिर पति की जॉइंट प्रॉपर्टी में रहने की अधिकारी है, न कि पति के पैरंट्स के बनाए गए घर में। महिला ने मैजिस्ट्रेट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें मैजिस्ट्रेट ने महिला को सास के घर में घुसने से रोक दिया था।
Source:-http://navbharattimes.indiatimes.com/delhiarticleshow/6087711.cms 25 Jun 2010,
1043 hrs IST,नवभारत टाइम्स
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