14 May, 2008

सीए ही कर सकते हैं सेल्स टैक्स रिटर्न का सर्टिफिकेशन

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि केवल चार्टर्ड अकाउंटेंट और कॉस्ट अकाउंटेंट ही सेल्स टैक्स रिटर्न का ऑडिट और सर्टिफिकेशन कर सकते हैं। इससे टैक्स चोरी रुकेगी। इस फैसले से सेल्स टैक्स कानूनों के जानकार वकीलों और पूर्व सेल्स टैक्स अफसरों पर असर पड़ेगा, जो सेल्स टैक्स प्रैक्टिशनर के तौर पर काम करते हैं।
जस्टिस एच. के. सेमा और जस्टिस मार्कंडेय काटजू की बेंच ने महाराष्ट्र के सेल्स टैक्स प्रैक्टिशनर्स असोसिएशन और बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र की याचिकाओं को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया, जिसमें कहा गया कि सिर्फ चार्टर्ड अकाउंटेंट और कॉस्ट अकाउंटेंट ही सेल्स टैक्स रिटर्न सर्टिफाई कर सकते हैं। जस्टिस काटजू ने कहा कि हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। कानून में संशोधन के लिए विधायिका को कहा जाए।
हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र वैट कानून में संशोधन को सही ठहराते हुए कहा था कि टैक्स चोरी बचाने में मदद करना ही इसका उद्देश्य है। यह एक्ट 40 लाख रुपये से अधिक सालाना बिक्री करने वाले सभी व्यापारियों के लिए अनिवार्य करता है कि वे सेल्स टैक्स रिटर्न को किसी चार्टर्ड या कॉस्ट अकाउंटेंट से सर्टिफाई कराएं। पहले व्यापारी सिर्फ टैक्स के वकीलों या पूर्व सेल्स टैक्स अफसरों की सेवाएं लेते थे। संशोधन में कहा गया कि ऑडिट सिर्फ सीए करेंगे। सेल्स टैक्स कमिश्नर और ट्रिब्यूनल के सामने व्यापारी का प्रतिनिधित्व वकील और सेल्स टैक्स प्रैक्टिशनर कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट एक्ट के मुताबिक, एडवोकेट सिर्फ कानून में प्रैक्टिस कर सकते हैं, वे ऑडिटर नहीं हो सकते हैं।
याचिका दायर करने वालों ने कहा था कि बंदिश से संविधान में दिए गए बराबरी के अधिकार का हनन होता है। व्यापारियों को सीए या कॉस्ट अकाउंटेंट के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। लेकिन हाई कोर्ट ने कहा कि ऑडिटिंग विशेषज्ञता का काम है। इसे वही कर सकता है, जो पेशेवर ढंग से ऐसा करने में प्रशिक्षित और सक्षम हो।
With Thanks from the नवभारत टाइम्स
Source:-नवभारत टाइम्स 14 May 2008 New Delhi

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